Friday, April 25, 2008

श्री आवड़ जी की आरती


जय गिरवर राया, मैया जय गिरवर राया!
आवड़ आदि सगती, मामड़ घर आया ! ॐ जय गिरवर...

माड़ धारा बिच माजी ,चारण कुळ चाया!
आप अवतरया अम्बे, साँसण सुरराया! जय गिरवर ....

सिंध मैं आढ़ सगती, समंदर सुकवाया!
पेट माय परमेश्वरी, महासागर पाया! ॐ जय गिरवर...

भुजंग डस्यो निज भ्राता, निरी अकला पाया!
भोर उगत भगवती, लोवड़ लुकवाया!ॐ जय गिरवर...

देत मार डाढाली,गोरी खो गड़वाया!
आप सिला दे आडी, थान ऊपर थाया! ॐ जय गिरवर...

बकर मद बाराऊ, छिक आनंद छाया!
चडत पूज नित चंडी,भैसा मन भाया! ॐ जय गिरवर...

मेवा चडत मिठाई, शुद्ध घ्रत सवाया!
जगमग जोत जगती, तोरी महमाया ! ॐ जय गिरवर...

दरश दिया दुःख भागे,करज्यो देख दया!
अम्ब कहे नित आनंद, गुण आवड़ गाया! ॐ जय गिरवर...

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