
सुमति शुद्ध बुद्ध हिन्ये भर दे कुमति कर दूर सदा सगति!
उर मैं नही ज्ञान अज्ञान अति कर दान अभैय अपणी भगति!!
उर मैं नही ज्ञान अज्ञान अति कर दान अभैय अपणी भगति!!
कलिकाल महाविक्राल समय भगतां पर हाथ माँ भूल मति!
अवनि आई नाथ अखंड बसों नव खंड मैं राजत बीस हथि!!
अवनि आई नाथ अखंड बसों नव खंड मैं राजत बीस हथि!!
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