Tuesday, April 22, 2008

करणी चालीसा....

देवी करनल मात रो याद करतां नाम
सागताँ रो शरणो लिया मिटे विधन तमाम !
नो दुर्गा दुःख मेटणी सदा रहो
प्रसन्न करणी माँ कृपा करो बिन्वे भगत जनन!!........

गजानंद गणपति को ध्याऊ
गुरु गौतम की आज्ञा पाऊ !! 1

जय-जय करणी मात कृपालू !
पुत्र कपुत्र हे मात दयालु !! 2

नम: अम्बे दुःख हरनी !
नम: मात करनल सुख करणी!! 3

मास इक्कीस गर्भ मैं रहिया !
गर्भ मैं बोल शबदसुख कहिया!! 4

कर त्रिशूल सिंह असवारी !
माँ दर्शन कर भई सुखीयारी!! 5

भुवा को करतब दिख लायो !
करणी नाम तभी से पायो!! 6

सर्प दंश पिता जीवत किना!
ब्राहमण सूबे को वार दिना !! 7

शेख जी की क्षमा मिटाई !
कीनो आप धरम को भाई !! 8

दिनों फेर अमर वरदान !
मुक्त करण धाई मुल्तान !! 9

सांवली रूप धर्यो तब सगताँ!
करुण पुकार करी जब भगताँ!! 10

झगडू शाह री नाव उबारी!
गाय दुहन्ता बांह पसारी !! 11

पिता को पुत्र प्राप्त करायो!
राठौडा रो मान बढायो!!12

मह पिता देवल महतारी !
गाँव सुवाप सगत अवतारी!! १३


साठिका ससुराल सुवाया!
पति संग बहन का ब्याव रचाया!! 14

पति का दिना भरम मिटाई !
तब देवी देशाणे आई !! 15

नेहडी जी मैं नेहडी रोपी!
कान्हे कार वही पर लोपी!!16

देवी के सब आवे शरणे!
मोह मत हरणो आयो मरणे !! 17

सुरजो मोहिल पथड़ कालो!
मारयो दे छाती मैं भालो!! 18

लड़ता दशरथ आयो काम!
मन्दिर माही थरप्यो थान!! 19

लुट खसोट मची बड़ी भारी!
राज बणया है अत्याचारी!! 20

मिनख-मिनख ने काटण लागे!
धारा पाप से फाटण लागे!! 21

तब ले वे करणी अवतार!
चमके त्रिशूल तलवार !! 22

रण कुंवरी बीके सुं परणी!
बीकानेर थरप्यो करणी!!23

देशनोक मन्दिर मनभावन!
ओरण जाणे मधुवन पावन!! 24

डर डाकर मेटे डाढाली!
जय माँ करणी काबा वाळी!!25

प्राण तज्यो पुत्र कपिल सरोवर!
कोप कियो तब धरम राज पर!! 26

तेहि समय से है मर्यादा!
मम सब वंशज बणसी काबा!! 27

मुसक बण मन्दिर मैं आसी!
चारण की मैंटी चौरासी!! 28

घणा पुत्रा घणा पोत्रा वाळी!
जय जगदम्बा जोताँ वाळी!! 29

अणदे ने जद आणद बाणी!
दौड़ी माता पगां उबाणी!30

कामेही श्री बखड आवड!
करपा करो हे करनल मावड!! 31

चोथे ऊँठ सिंध पग भाग्यो!
हे करणी के रोवण लाग्यो!!32

काठ तणो पग जोड़ ले आई!
जंगल मैं जा करी सहाई !! 33

बन्ने अँध परिक्रमा दिनी!
जिनकी आँख गरुड़ सी किनी!! 34

करणी परचा दिया किरोडू!
आज आसरो किण विद छोडू !! 35

दुःख दरिद्र मात मोहे घेरो!
तुम बिन कौन हरे दुःख मेरो!! 36

पुत्र कपुत्र मैं मात तिहारो!
मैहाई मोहे एक सहारों!! 37

मैं अति दुर्बल शत्रु सतावे!
मात बिना कुण हिन्ये लगावे!! 38

मैं तो धर चरणा शीशा!
नित पाठ करता चालीसा!! 39

तन मन धन से करता भगति!
सदा चरण मैं राखी सगति!! 40

1 comment:

Unknown said...

Jai Mata ji kee,

Keep it up this is very good